पोर्टफोलियो मीनिंग इन हिंदी|Portfolio meaning in hindi

 Portfolio meaning in hindi


पोर्टफोलियो को साधारण भाषा में समझें तो ये आपके द्वारा निवेश किया गया निवेश का एक संग्रह होता है जिसके अंतर्गत म्यूच्यूअल फण्ड,ईटीएफ, स्टॉक्स, कमोडिटीज आता है साथ ही आपने इन्वेस्टमेंट में कितना पैसा कहा पर निवेश किया है इसकी भी जानकारी हमें पोर्टफोलियो में मिल जाती है|क्या आप जानना चाहते है portfolio meaning in hindi को तो लेख को पढ़े|


Portfolio meaning in Hindi


जो भी शेयर बाजार में निवेश कर रहा है उसका भी पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट होता है इसी के तहत ही यह तय होता है आने वाले भविष्य में आपका निवेश बढ़ेगा या घटेगा ये जानकारी आप पोर्टफोलियो की आपने डिमेंट खाते में प्राप्त कर सकते है|

पोर्टफोलियो मीनिंग इन हिंदी?


हम पोर्टफोलियो का अर्थ को समझें तो ये निवेश की सूची मात्र होता है यानि यूह कह सकते है ये हमारे वित्तीय निवेशों का एक समूह होता है जो साधरणतया ये बतलाता है कि आपने किस जगह निवेश (ऑप्शन, कमोडीटीज, स्टॉक बांड) में कहा और कितना पैसा इन्वेस्टमेंट किया गया है यह हमारे निवेश के समस्त जानकारियों का संयुक्त रूप है आपको एक स्थान पर मिल जाती है अगर बात करें तो शेयर मार्किट में आपका पोर्टफोलियो जितना ही पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई होता है उसमे उतना ही रिस्क कम होता है|

मुख्य बिंदु इस प्रकार से है ---


* जिस प्रकार आपके द्वारा निवेश की वैल्यू बढ़ती जाती है तो आपके पोर्टफोलियो के निवेश का आकार भी बढ़ता है|

* आपके इन्वेस्टमेंट की धन राशि जितनी ही बड़ी होंगी आपका पोर्टफोलियो का आकार उतना ही बड़ा होता है|

आपके पोर्टफोलियो में कितने निवेश के ऑप्शन है यह कही ना कही भविष्य में बताता है कि आपको आने वाले भविष्य में कितना रिटर्न मिलेगा|

यदि आपके पोर्टफोलियो में कुछ ऐसे शेयर है मजबूत कंपनी के है जो आने वाले भविष्य में उस शेयर की कीमत बढ़ती है तो उसके पोर्टफोलियो के साइज आकार भी बढ़ता जाता है यानि की किस कंपनी के शेयर है ये भी पोर्टफोलियो को कम या अधिक करने में महत्वपूर्ण होते है|


वही यदि आपके पास किसी घटिया कंपनी के शेयर है तो सस्ते है आपने खरीद लिए है तय शेयर प्राइस का मूल्य गिरता है तो आपके पोर्टफोलियो पर भी काफ़ी असर देखने को मिल जाता है तो आपको ऐसे शेयर है इन्वेस्टमेंट करना चाहिए जो भविष्य में उसकी वैल्यू बढ़े साथ ही वे अच्छी कंपनी के हो सस्ते ना हो|



पोर्टफोलियो क्या है?


अक्सर लोग जब भी निवेश करते है किसी स्टॉक को खरीदने में या फिर एक से अधिक तो वह चलते है निवेश किये गए शेयर की जानकारी को एक ही स्थान पर प्राप्त कर ले इसके लिए ही पोर्टफोलियो आप के द्वारा इन्वेस्टमेंट किये गए कार्य को एक स्थान पर दिख लाने का जरिया मात्र ही होता है यानि यूँ कह सकते हो ये ऐसा संग्रह या स्थान होता है जहा पर आप अपने निवेश विकल्प को एक स्थान पर आसानी से देख व समझ सकते है इससे एक निवेशक को काफ़ी लाभ होता है वे इधर उधर अपने निवेश की जानकारियों के लिए नहीं दौड़ता है|

शेयर बाजार में पोर्टफोलियो का क्या अर्थ है?


जब आप शेयर बाजार में आप जिन कंपनियों में शेयर पैसो को लगाते हो उनके शेयरो की लिस्ट को ही स्टॉक मार्किट पोर्टफोलियो कहा जाता है साधारण शब्दों में आप शेयर मार्किट में जब आप अपने द्वारा ख़रीदे गए शेयरो में पैसा इन्वेस्टमेंट करते है हम स्टॉक मार्किट में इसको पोर्टफोलियो कहते है|



पोर्टफोलियो की जानकारी कहा पर प्राप्त कर सकते है?


कुछ लोग असमंजस में रहते है जब शेयर में निवेश कर देते है सोचते है कि अपना पोर्टफोलियो को कहा कैसे देखे यानि की हमारे द्वारा पैसा जहा निवेश किया गया है उस पर कितना रिटर्न मिलेगा और किस प्रकार देखे|

आपका पोर्टफोलियो में कितनी बढ़ोतरी है कटौती हुई है ये आप आसानी से अपने डिमेंट खाते में जाकर चेक कर सकते है यदि आपके पास upstox का डिमेंट अकाउंट है तो आपको चिंता करने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है यहां पर आप उस शेयर की पूरी जानकारी पोर्टफोलियो के रूप में प्राप्त कर सकते है|

और आसानी से जानकारी पा सकते है कि आपके पोर्टफोलियो में कितना घाटा हुआ है कितनी बढ़ोतरी हुई है पता चल जाता है आपको सर्वप्रथम अपने डिमेंट खाते upstox की ऐप को ओपन करना है उसके पश्चात पोर्टफोलियो के अंदर आने पर यहां आपको होडिंग सेक्शन के भीतर आने पर पता चल जायेगा कि आपने कौन कौन से शेयर कितने ख़रीदे है और कौन से शेयर पर आपको कितना रिटर्न मिला है|

आपको बड़ी आसानी से जानकारी प्राप्त हो जाती है नीचे पिक्चर में आपको दिखाई दे रहा होगा ये काफ़ी सरल प्रक्रिया है पोर्टफोलियो को देखने की यदि आपके शेयर के आलावा भी कई जगहों पर निवेश किया है म्यूच्यूअल फण्ड, ईटीएफ में तो वह भी आपको होडिंग के अंदर ही दिख जायेगा|

हाँ अगर आपके पास upstox के आलावा कोई अन्य ब्रोकर जैसे जीरोधा, एंजेल वन ब्रोकिंग कोई और डिमेंट खाता है तो उसमे पोर्टफोलियो को देखने के लिए कोई दूसरा ऑप्शन आता हो तो यह आपको ब्रोकर से जानकारी मिल जाएगी पूछने पर|वास्तव में ये पोर्टफोलियो को देखना काफ़ी सरल प्रक्रिया है चाहे आपको कोई भी ब्रोकर क्यों ना हो यहां पर अधिक चर्चा करना लेख को बोर कर सकता है चलिए आगे बढ़ते है|


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पोर्टफोलियो हमें क्या दिखाता व बताता है?


हमको पोर्टफोलियो के माध्यम में इस सभी बातो का ज्ञान प्राप्त हो जाता है ----


1- यह बताता है आपको किस इन्वेटमेंट की वैल्यू कितनी घटी है और कितनी बड़ी है अब तक|

2- ये आपको बताता है (पोर्टफोलियो) कि आपके किस निवेश में कितने रिटर्न की प्राप्ति हुई है|

3- किस स्थान पर कितना पैसा निवेश किया है ये जानकारी प्रदान करता है|

4- ये वर्तमान आज निवेश की वैल्यू कितने रूपए या फिर कितने % बढ़ी है या अथवा घटी है हमको जानकारी प्राप्त हो जाती है|

5- आपने अब तक के समय में कितने शेयर इक्विटी f&ओ, म्यूच्यूअल फण्ड, बांड खरीद रखे है आपने कितना पैसा निवेश किया गया था और मुक़ाबले में कितनी उसकी वैल्यू बढ़ी है या घटी है पूरी जानकारी देता है|



पोर्टफोलियो के प्रकार को बताये?


डिफेंसिव पोर्टफोलियो क्या है - यह साधारण रूप से सबसे सेफ होता है क्यूंकि कम रिस्की है इसमें निवेश केवल आप उसी जगह पर ही करते है जहा पर आपका पैसा सुरक्षित रहता है तो इस प्रकार के पोर्टफोलियो को हम कम रिस्की पोर्टफोलियों या डिफेंसिव पोर्टफोलियो कहते है क्यूंकि डिफेंसिव का मतलब सुरक्षात्मक निवेश से होता है जो केवल निवेश वही करवाता है जहा पर लाभ हो|

एग्रेसिव पोर्टफोलियो क्या है- यह पोर्टफोलियो काफ़ी अधिक रिस्की होता है जिसमे जोखिम काफ़ी रहता है नये निवेशक को इनसे दूर ही रहना चाहिए जो निवेशक इसमें निवेश करते है वह शेयर मार्किट में काफ़ी अनुभवी होते है हाई वहन करने की क्षमता को रखते है साथ ही यह पोर्टफोलियो आपको अधिक रिटर्न देने का भी प्रयास करता है इसलिए यह जोखिम भरा ज़रूर है लेकिन पैसा भी देता है|


साधारणतया ये डिफेंसिव के बिल्कुल विपरीत होता है ये केवल एगरेसिव पोर्टफोलियो उन ही लोगो के लिए बनाया जाता है जो काफ़ी हाई रिस्क लेने की क्षमता को रखते है नये लोग इसमें निवेश करने से दूर ही रहे कम समय में अधिक रिटर्न पाने वाले ही इस प्रकार के पोर्टफोलियो को तैयार करते है यानि यूँ कह सकते है ये सेफ स्टॉक में निवेश करने की बजाय ऐसे छोटे केप में निवेश करें ज़्यादा महत्त्व देते है|

ये छोटी कंपनियों में पैसा तेज गति से बढ़ता है वही लार्ज केप में पैसा बढ़ने की समय सीमा अधिक होती है ध्यान रखने योग्य बात ये है कि छोटी कंपनियों में पैसा खोने की सम्भावना बहुत ही होती है क्यूंकि इन सभी कंपनियों का बिज़नेस मॉडल काफ़ी स्थिर नहीं होता है यदि आपके दिमाग़ में हिफ रिस्क और हाई रिटर्न को चाहते है तो आपको हमेशा एक aggressive पोर्टफोलियो का ही निर्माण करना चाहिए|


3- स्पेकुलेटिव पोर्टफोलियो क्या है- इस प्रकार के पोर्टफोलियो का निर्माण साधारणतया फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग को करने के लिए ही किया जाता है अगर इस पोर्टफोलियो की बात करें तो आपका इसमें पैसा बहुत तेजी से घटता है और बढ़ता है इस कारण से इसको स्पेकुलेटिव पोर्टफोलियो कहा जाता है|

स्पेकुलेटिव पोर्टफोलियो में इंट्राडे ट्रेडिंग आती है, स्विंग ट्रेडिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग आती है अगर बात करें तो ऑप्शन ट्रेडिंग इन सभी में सबसे हाई रिस्की होती है यानि सावधानी से भावनाओं को ना समझकर खोला जाता है तो आपका लाखो रूपए कुछ ही मिनटों में जीरो बंद सकते है अगर आप पैसा जोखीम उठाने को तैयार है तो आपका स्पेकुलेटिव पोर्टफोलियो को देख सकते है|

4- इनकम पोर्टफोलियो क्या है - ये पोर्टफोलियो बनाने का उद्देश्य यही होता है कि डिवीडेंड के लिए ही निवेश करना यानि की ये साधारणतया पोर्टफोलियो डिवीडेंड मात्र के लिए ही बनाया जाता है इसमें निवेशक की यही चाह होती है कि वे ख़रीदे गए शेयर पर हर साल उसको डिवीडेंड के रूप में पैसा प्राप्त हो यानि शेयर प्राइस के बढ़ने का उसको अलग से लाभ हो|

यदि आप अपने पैसो को FD और बचत खाते में रखना नहीं चाहते है तो आपको यह पोर्टफोलियो को देखना चाहिए कुछ और ITC, आयल इंडिया, NTPC जैसे स्टॉक में आपका पैसा निवेश करते है तो आपको रिटर्न के तौर पर हर साल कुछ डिवीडेंड धन राशि मिलती है|

5- डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो क्या है- ये आपकी पूंजी कई जगहों पर निवेश होती है जिसमे अगर कभी घाटा भी होता है तो आपको एक ही जगह पर नुक्सान होगा यानि एक डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो में आपको पैसा केवल एक जगह पर निवेश ना करना ताकि हानि या जोखिम को काफ़ी कम किया जा सके|

* इस पोर्टफोलियो को बनाने का मकसद आपके रिस्क को मिनिमम करने का होता है|

* इसके बनाने का उद्देश्य केवल इतना होता है यदि कभी किसी कंपनी के शेयर में घाटा भी होता है तो अन्य कंपनी हमें घाटे से बचा देगी|

* अगर आपके पास निवेश की पूंजी है 10 लाख रूपए की तो आपको इस निवेश को 10 कंपनियों में विभाजित कर देना चाहिए ताकि जोखिम कभी हो तो बाटा जा सके|


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पोर्टफोलियो को बनाना क्यों ज़रूरी है?


अगर आपको बताना चाहू तो अच्छे स्टॉक्स को सेलेक्ट करने से अधिक ज़रूरी होता है कि पोर्टफोलियो को सही कैसे बनाया जाता है|हमने अक्सर ये शब्द तो अवश्य सुना होगा लोगो को बोलते हुए कि कोई शेयर को ख़रीदा था आज के समय में वे 10 गुना बढ़ गया है तो मन में सोचते है उसको काफ़ी कुछ जानकारी है शेयर मार्किट की उसमे कितना पैसा अब तक कमाया होगा|

यहां पर अगर देखे तो ये सवाल नहीं है कि स्टॉक की कीमते कितनी बढ़ गयीं है बल्कि ये सवाल उठता है कि उस व्यक्ति के द्वारा ख़रीदे गए शेयर में अपने कुल पूंजी का कितना पैसा उसने लगाया था|

पोर्टफोलियो बनाते समय किस शेयर में कितना पैसा लगाए?


हमेशा हमें अपना पोर्टफोलियो को तैयार समय एक आपको कुल पूंजी का केवल 4% पर लगाना चाहिए कभी भविष्य में शेयर ऊपर शेयर बढ़ भी जाये तो आपको पोर्टफोलियो में काफ़ी फायदा मिले|

पोर्टफोलियो प्रबंधन क्या है?


अगर बात करें तो पोर्टफोलियो प्रबंधन आपके पोर्टफोलियो के जोखिम को एक बैलेंस बनाने में मदद करता है|

FAQ- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 


प्रश्न 1)- पोर्टफोलियो के प्रकार कितने होते है?

उत्तर- growth portfolio, aggressive portfolio, defensive portfolio, income portfolio,


प्रश्न 2)- पोर्टफोलियो का निर्माण कैसे होता है?

उत्तर- इसके निर्माण के लिए बनाने के लिए काफ़ी लम्बी रिसर्च कार्य करना होगा आपको अपने लिए सही कंपनी के स्टॉक सेलेक्ट करना होगा इसमें आवशयक बाते कंपनियों का प्रदर्शन शामिल है, भविष्य में होने वाली विकास की सम्भावना कितनी है और साथ ही रिस्क के बारे में विचार करना होगा फिर उन शेयरो में निवेश के लिए जानाहै अथवा नहीं मेरा सुझाव आपको यही है डाइवर्सिफाई स्टॉक में निवेश करना चाहिए क्यूंकि हानि हुई तो केवल कुल पूंजी नहीं जाएगी|

CONCLUSION----


इस लेख में आपको बताया कि portfolio meaning in hindi इसमें आपको काफ़ी सारी जानकारी डी गयीं है आपको स्टॉक हमेशा डाइवर्सिफाई ही लेने चाहिए साथ ही अधिक जोखिम को नये लोग बचे आदि|पोर्टफोलियो को आप ब्रोकर ऐप में आसानी से जानकारी ले सकते हो|पसंद आये तो शेयर करें|

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